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बिजली बिल

किस वजह से इस राज्य के किसानों को मिली बिजली बिल में राहत

किस वजह से इस राज्य के किसानों को मिली बिजली बिल में राहत

बीते दिनों सितंबर व अक्टूबर माह में प्रचंड बरसात की वजह से मक्का, सोयाबीन एवं कपास जैसी विभिन्न प्रकार की फसलों को बेहद हानि का सामना करना पड़ा था। महाराष्ट्र राज्य के कृषकों के लिए खुशखबरी है, जिन किसानों की बरसात के कारण फसल चौपट हो चुकी थी। उन्हें किसी भी प्रकार का विघुत व्यय नहीं झेलना होगा। प्रदेश सरकार द्वारा लिया गया यह निर्णय किसानों की प्रसन्नता की वजह बना हुआ है, इस फैसले की वजह से लाखों की संख्या में किसानों को लाभ मिलेगा। बतादें कि, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा स्वयं इसकी पुष्टी करते हुए कहा गया है, कि राज्य बिजली विभाग को निर्देशित किया गया है, कि बिजली बिल भरने हेतु कृषकों पर कोई दबाव न डाला जाये। जिन किसानों की बीते समय में अतिवृष्टि व बाढ़ के कारण फसल खराब हो गयी है और वह आर्थिक रूप से असमर्थ हैं। तो वह इच्छानुसार, बिल भरना चाहें तो भरें अन्यथा ना भरें। देवेंद्र फडणवीस ने राज्य बिजली वितरण कंपनी (MSEDCL) के अधिकारियों को आदेश देते हुए कहा है, कि विशेष रूप से ऐसे किसानों को विघुत बिल जमा करने को न कहा जाये, जिनकी बीते दिनों हुई बारिश से फसल बर्बाद हो गयी है।

इस सीजन का बिल नहीं लिया जायेगा

दरअसल, सितंबर व अक्टूबर माह में अत्यंत जलधारा की वजह से कपास, सोयाबीन एवं मक्का सहित विभिन्न प्रकार की फसलों में भारी हानि हुई थी। इससे किसानों की आर्थिक स्थिति खराब हो गयी है। अधिकांश किसान तो फसल चौपट होने के कारण से कर्ज के शिकार भी हो गए। ऐसे में सरकार का यह निर्णय किसानों के लिए किसी उपहार की ही तरह है। हालांकि, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का यह भी कहना है, कि जो किसान बिजली बिल भरने लायक हैं, उन्हें बिल भरना होगा। वहीं, अधिकारियों को यह भी निर्देशन दिया गया है, कि कृषकों से केवल चालू सीजन का विघुत बिल जमा कराना होगा। ये भी पढ़े: सोयाबीन की तीन नई किस्मों को मध्य प्रदेश शासन ने दी मंजूरी

किसका कनेक्शन नहीं काटा जाएगा

बता दें, कि महाराष्ट्र राज्य के बहुत सारे ऐसे किसान हैं, जिन्होंने बहुत वक्त से विघुत बिल का भुगतान ही नहीं किया। परंतु अब उन्हें भयभीत होने की कोई आवश्यकता नहीं है। ऐसे किसानों के विघुत के कनेक्शन नहीं काटे जाएंगे। प्रदेश सरकार का कहना है, कि यदि ऐसे किसान सिर्फ इसी सीजन के विघुत बिल का भुगतान कर देंगे तो उनका कनेक्शन कटने से बच जाएगा।
खुशखबरी: यूपी में निजी नलकूपों के बिजली बिल में 100 प्रतिशत की छूट

खुशखबरी: यूपी में निजी नलकूपों के बिजली बिल में 100 प्रतिशत की छूट

योगी सरकार की तरफ से किसान भाइयों के लिए एक अच्छी खबर आई है। यूपी में बहुत वक्त से प्रतीक्षा कर रहे किसान भाइयों को इस समाचार से बड़ी राहत मिलगी। बतादें, कि निकाय चुनाव आने वाले हैं। इससे पूर्व ही यूपी की योगी सरकार ने पूरे यूपी के लिए बड़ा उपहार प्रदान किया है। निकाय चुनाव से पूर्व यूपी सरकार द्वारा किसानों के लिए बड़ी घोषणा कर दी गई है। इसके चलते उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने जानकारी देते समय कहा है, कि योगी सरकार किसानों के निजी नलकूपों के बिजली बिल को माफ करेगी। दरअसल, योगी सरकार ने यूपी चुनाव के समय बिजली बिल माफ करने का एलान किया था। वहीं, वित्तीय वर्ष 2022-2023 में निजी नलकूप उपभोक्ताओं के बिजली बिल में 50 प्रतिशत की छूट प्रदान की थी। फिलहाल, एक बार पुनः योगी सरकार किसान भाइयों को राहत देने जा रही है।

किसान भाइयों हेतु 15000 करोड़ की व्यवस्था

योगी सरकार द्वारा आने वाले वित्तीय वर्ष में कृषकों के लिए बिजली बिल में 100 फीसद छूट प्रदान करने के लिए बजट में 15000 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। इसी कड़ी में यह कहा गया था, कि यूपी में किसानों को निजी नलकूपों के जरिए से सिंचाई हेतु बिजली बिल में 100 फीसद की छूट दी जाएगी। इसके अंतर्गत किसान भाइयों को योगी सरकार छूट प्रदान करने जा रही है। किसानों को निःशुल्क बिजली प्रदान करने का वादा बीजेपी द्वारा स्वयं के लोक कल्याण संकल्प पत्र में भी किया गया था। ये भी पढ़े: सिंचाई की नहीं होगी समस्या, सरकार की इस पहल से किसानों की मुश्किल होगी आसान

यूपी में किसानों को एक अप्रैल से दी जाएगी निशुल्क बिजली

कुछ दिन पहले यूपी के उपमुख्यमंत्री सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने बाराबंकी में एक जन चौपाल में ऐलान करते हुए कहा था, कि एक अप्रैल से कृषकों को नलकूप द्वारा सिंचाई करने हेतु बिजली मुफ्त में दी जाएगी। यानी कि स्पष्ट है, कि फिलहाल उत्तर प्रदेश के किसानों को नलकूप द्वारा सिंचाई करने पर विघुत शुल्क नहीं देना पड़ेगा। योगी सरकार द्वारा किसान भाइयों को यूपी निकाय चुनाव से पूर्व यह बड़ा उपहार दिया गया है। क्योंकि बहुत सारे किसान मंहगाई के वक्त में विद्युत बिल को लेकर परेशान हैं।